हे कौन वहां अन्तश्चेतना में
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
लिलि रे """श्रद्धांजलि!"""""""""
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
*याद है हमको हमारा जमाना*