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18 Jul 2021 · 1 min read

रुक जाओ न

अब नहीं बोलने का दिल करता
तुम बिना बोले ही समझ जाओ ,
अरसा गुज़र गया मुझे बड़-बड़ करते हुए
शब्दों को तो अनदेखा कर दिया
मेरे मौन को ही समझ जाओ ….,
थक गए हैं कदम अब चलते – चलते
आओ न चलें कहीं पीपल की छाँव में बैठ जाएं ,
बहुत सा वक़्त जाया कर दिया तुमने
अतीत और भविष्य की नाप तौल करने में ,
रुक जाओ न
वर्तमान के कुछ लम्हें तो जी लेने दो |

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 336 Views

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