रुकी रुकी हैं हसरते
रुकी रुकी हैं हसरते सरहदों पे ही कहीं
दिल ही बता तू अब तेरी सरहदें कहां हैं
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ठहरती हैं कब कहां दिलों में ये हसरतें
अब तुम बताओ हौसलों मेरी हदें कहां हैं
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कपिल कुमार
22/11/2016