रुकती है जब कलम मेरी
रुकती है जब कलम मेरी
तो लगने लगता है ऐसा…
मानो, धड़कन मेरी थम सी गई!
ज़िंदगी की रफ़्तार धीमी पड़ गई!
और चलती है जब तेज रफ़्तार ये कलम,
तो सोच सकारात्मक हो उठता है,
जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
…. अजित कर्ण ✍️
रुकती है जब कलम मेरी
तो लगने लगता है ऐसा…
मानो, धड़कन मेरी थम सी गई!
ज़िंदगी की रफ़्तार धीमी पड़ गई!
और चलती है जब तेज रफ़्तार ये कलम,
तो सोच सकारात्मक हो उठता है,
जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
…. अजित कर्ण ✍️