रिश्तों को वेंटीलेटर पर जाने से पहले बचालो ….
हे मानव ! यह रिश्ते बड़े अनमोल होते है।
इन सच्चे मोतियों की कद्र तुम जान जाओ ।
साथ खड़े होते है हर समय दुख हो या सुख ,
इनके प्रति कृतज्ञता का भाव मन में लाओ ।
दौलत कमाना ही नही ज़माने में सब कुछ ,
तुम्हारे अपने ही दौलत है इन्हीं को संभालो।
रिश्ता वो जो दिल से निभाया जाए ईमान से,
अपने या पराए के नजरिए में मत भेद लाओ ।
रिश्ता चाहे पेड़ पौधों से हो,सम्पूर्ण प्रकृति से,
पशु पक्षियों से भी हो चाहे ,दिल से निभाओ।
एक रिश्ता हमारी आत्मा का परमात्मा से है,
इस रिश्ते को आत्मा की गहराई से निभाओ ।
रिश्ता यूं ही नहीं बन जाता,इसे चाहिए भावनाएं,
प्रेम ,त्याग ,सहनशीलता,अपनापन से इसे सिंचो ।
रूठना मनाना ,गीला शिकवा तो चलता ही रहेगा,
मगर प्रेम और सौहाद्र के बंधन को शत्रुता से बचाओ ।
इससे पहले के तुम्हारा गुरुर,बेपरवाही और बेरुखी,
कर न दे अपनो से दूर ,उन्हें तुरंत अपने पास बुलाओ।
रिश्ते मरते है धीरे धीरे ,एकदम से कभी नही मरते ,
बेहतर होगा रिश्तों को वेंटीलेटर जाने से पहले बचालो।