रिश्तों के भंवर
रिश्तों के
भंवर में
उलझने से
बेहतर है कि
इसके किनारे किनारे
चलें
आहिस्ता आहिस्ता
आगे बढ़ते हुए
इसकी गहराई में
बिल्कुल भी न उतरें
रिश्तो में इजाफा
करते रहने से
कुछ हासिल नहीं होता
हो कम रिश्ते
पर दिल से जुड़े
इंसानियत से भरे
रिश्ते
प्यार भरे रिश्ते
यह विकल्प बेहतर है
एक मछली की जगह
समुन्दर में है
उसे वहां रहने दो
एक इंसान की जगह
घर में है
उसे वहां रहने दो
थोड़े में ही सब्र करो
न झांको दूसरों के
घरों की दीवारों के आलों में
स्वागत फूलों से नहीं
पत्थरों से होगा जो
अपना घर छोड़कर
कूदोगे स्वार्थी लोगों के
दिल की खोखली दरारों में।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001