Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2020 · 1 min read

रिश्तों के कारोबार में

रिश्तों के कारोबार में,
अक्सर हार जाते है कुछ लोग,
उलझ जाते है ,
भावनाओं के नगद और उधार में ,
अक्सर समझ नहीं पाते,
इच्छाओं के बहीखाते और हिसाब को,
क्यों चुप है कोई,
नाराज़ है या परेशान है
या छिड़ी अपनी ही धुन की कोई तान है
क्यों किसी की आंखें नम दिल बेहाल है,
दिल दुखा है या दुखाया किसी और ने है
समझ जाना हर भावना को ,
कहाँ आसान है?
किसी का दिल समझ लेना,
या पढ़ लेना चेहरा किसी का,
हर किसी के बस में कहाँ यह बात है
इसलिए हार जाते अक्सर कुछ लोग,
रिश्तों के कारोबार में,
भावनाओं के नकद और उधार में ….

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
एक बार होता है
एक बार होता है
Pankaj Bindas
ख़ुदा बताया करती थी
ख़ुदा बताया करती थी
Madhuyanka Raj
स्वयं पर नियंत्रण रखना
स्वयं पर नियंत्रण रखना
Sonam Puneet Dubey
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
शीर्षक: पापी मन
शीर्षक: पापी मन
Harminder Kaur
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*प्रणय प्रभात*
उहे सफलता हवय ।
उहे सफलता हवय ।
Otteri Selvakumar
बच्चे
बच्चे
Kanchan Khanna
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
छवि के जन्मदिन पर कविता
छवि के जन्मदिन पर कविता
पूर्वार्थ
चुन्नी सरकी लाज की,
चुन्नी सरकी लाज की,
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
पुलवामा वीरों को नमन
पुलवामा वीरों को नमन
Satish Srijan
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
" हरेली "
Dr. Kishan tandon kranti
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
जो विष को पीना जाने
जो विष को पीना जाने
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
Ravi Betulwala
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
Shweta Soni
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
4100.💐 *पूर्णिका* 💐
4100.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मरने के बाद।
मरने के बाद।
Taj Mohammad
Loading...