रिश्तों की सच्चाई
कोई अपना ही अपना कह के सब कुछ लूट जाता है।
वक्त की मार से अपनों का संग भी छूट जाता है
कभी भी प्यार को दौलत के पलड़े में नहीं रखना
हो जिसमें स्वार्थ की बातें वो रिस्ता टूट जाता है
कोई अपना ही अपना कह के सब कुछ लूट जाता है।
वक्त की मार से अपनों का संग भी छूट जाता है
कभी भी प्यार को दौलत के पलड़े में नहीं रखना
हो जिसमें स्वार्थ की बातें वो रिस्ता टूट जाता है