रिश्तों की महिमा अजब
रिश्तों की महिमा अजब , जाने कब बन जायें,
लाख बनायें न बनें , पल में ही जुड़ जाए । (1)
अम्मा जब नाराज हों , उनको धता बतायें,
घरवाली नाराज हों , फौरन घर आ जायें (2)
रिश्तों की महिमा अजब , जाने कब बन जायें,
लाख बनायें न बनें , पल में ही जुड़ जाए । (1)
अम्मा जब नाराज हों , उनको धता बतायें,
घरवाली नाराज हों , फौरन घर आ जायें (2)