रिश्तों की जमा पूँजी
₹ मन की तिजोरी ₹
ये जो तुम्हारा प्यार है..न
जो उड़ेलती हो..मुझ पर,
रोज रोज थोड़ा-थोड़ा।
इसे कभी भी,
पूरा खर्च मत करना।
क्योंकि मैं तो बहुत ही,
खर्चीला हूँ।
और तुम मेरी मन की,
तिजोरी का अनमोल कोहिनूर हीरा।
जिसकी रोशनी और चमक में,
हमेशा सराबोर रहता हूँ।
ये जो हमारे बीच का,
प्यार है.. न।
यही तो है हमारे रिश्तों,
की एक मात्र जमा पूँजी।
छोटे छोटे से अहसासों और,
तेरी यादों को सहेजने के बाद।
मैंने इसे जोड़ कर रखा है,
अपनी तिजोरी में…सागर