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26 Mar 2021 · 1 min read

रिश्तों की कड़वाहट

माना की गलतियां की है मैंने
पर क्या तुम सही हो,
चलो मान लिया के हम बदल गएं,
पर क्या तुम अब भी वही हो।
गलतियां कौन नही करता इस जहां में
हर कोई हमेशा सही तो नही हो सकता,
तुम तो रो लेती अपने गम दिखाने को,
मैं तो मर्द हूं, रो भी नही सकता।
रिश्तों में यूं एक दूसरे की गलतियां नही बताया करते,
जो अपने हैं वो अपनेपन का अहसान नहीं जताया करते।
चलो जाने दो जो हुआ अब भुलाते हैं,
आज से खुशियों का नया घर बसाते हैं।
आज से सारे सही – गलत और गम को भुला कर दिल को साफ करते हैं,
तुम हमें माफ कर दो हम तुम्हे माफ करते हैं।
वादा करते हैं के सारे गम भुला देंगे, खुश मिजाज रहेंगे,
कोई तकलीफ भी आए तो दोनों हंसते हुए मिल कर सहेंगे।

© बदनाम बनारसी
26/03/21

Language: Hindi
17 Likes · 8 Comments · 692 Views
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