Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2020 · 1 min read

रिश्तों का भरम

ये जो पारिवारिक और गैर पारिवारिक रिश्ते होते है ना । केवल किसी न किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही कायम रह पाते है । अगर किसी से भी जरा सी भी चूक हुई कि टूटने में भी समय नही लगता । क्योंकि ये रिश्ते होते ही है किसी कच्चे धागे के समान । अगर किसी भी रिश्ते में मजबूती लानी हो तो इसमें प्रेम और विश्वास रूपी चरखे की आवश्यकता होगी । जो धागों को आपस मे पिरोकर रख सके ।

रहिम जी ने वाकई सही ही कहा है कि,
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय ।
टूटे से फिर ना जुड़े, चाहे गांठ परि जाय ।।

जब किसी व्यक्ति की अच्छी खासी जीवन शैली होती है न तो उसके हजारो रिश्ते स्वतः ही बन जाते है । निम्न जीवन शैली वाले लोगो के रिश्ते सीमित होते है लेकिन बड़े पक्के होते है पूर्णतः विश्वास योग्य होते है ।

जीवन मे रिश्ते नही, बल्कि रिश्तों में जीवन होना चाहिए ।

अगर हम कही नए रिश्ते बना रहे तो हमे वर्तमान समय को देखते हुए अच्छे से जांच परख कर रिश्तों का चयन करना चाहिए क्योंकि हम आसानी से किसी पर भी विश्वास नही कर सकते क्योंकि कहा भी जाता है कि, आजकल विश्वास में भी विष का वास होता है ।।

© गोविन्द उईके

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 3 Comments · 691 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इसमें हमारा जाता भी क्या है
इसमें हमारा जाता भी क्या है
gurudeenverma198
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
इस जीवन का क्या है,
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हे ! गणपति महाराज
हे ! गणपति महाराज
Ram Krishan Rastogi
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
Rakshita Bora
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
■ समझने वाली बात।
■ समझने वाली बात।
*प्रणय प्रभात*
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
"वक्त के गर्त से"
Dr. Kishan tandon kranti
चमचा चरित्र.....
चमचा चरित्र.....
Awadhesh Kumar Singh
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
Ranjeet kumar patre
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एहसासे- नमी (कविता)
एहसासे- नमी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मां
मां
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3847.💐 *पूर्णिका* 💐
3847.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#लापरवाही और सजगता का महत्व
#लापरवाही और सजगता का महत्व
Radheshyam Khatik
*संस्कारों की दात्री*
*संस्कारों की दात्री*
Poonam Matia
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब सुनने वाला
जब सुनने वाला
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
Manoj Mahato
*ऋष्यमूक पर्वत गुणकारी :(कुछ चौपाइयॉं)*
*ऋष्यमूक पर्वत गुणकारी :(कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
Loading...