रिश्तों का कच्चापन
रिश्तों का कच्चापन
रिश्ते वक्त से पनपते हैं,
और संवाद से पकते हैं।
लेकिन आजकल ना रिश्ते में वक्त है,
ना संवाद है।
इसलिए रिश्ते ना पनप पा रहे हैं,
ना पक पा रहे हैं।
बस चल रहे हैं कच्चेपन और कसेले स्वाद के साथ।
रिश्ते में वक्त देना जरूरी है,
ताकि एक-दूसरे को समझा जा सके।
रिश्ते में संवाद करना जरूरी है,
ताकि एक-दूसरे के दिल की बात सुनी जा सके।
लेकिन आजकल लोग वक्त नहीं देना चाहते हैं,
और संवाद नहीं करना चाहते हैं।
इसलिए रिश्ते कच्चे और कड़वे हो रहे हैं।
रिश्ते को बचाने के लिए,
हमें वक्त देना होगा,
और संवाद करना होगा।
हमें एक-दूसरे के लिए समय निकालना होगा,
और एक-दूसरे से बातचीत करनी होगी।
जब हम एक-दूसरे के लिए समय देंगे,
और एक-दूसरे से बातचीत करेंगे,
तो रिश्ते पनपेंगे,
और पकेंगे।
रिश्ते कच्चेपन और कसेले स्वाद से मुक्त हो जाएंगे,
और मीठे और स्वादिष्ट बन जाएंगे।