रिश्ते
रिश्ते
रिश्ते वो जो कभी नहीं टूटते, रिश्ते वो जो कभी नहीं बदलते, रिश्ते वो जो हमेशा साथ देते, रिश्ते वो जो कभी नहीं भूलते।
लेकिन अब वो रिश्ते कहाँ हैं, जिसमें लोग एक-दूसरे के बिना जी नहीं सकते थे, जिसमें लोग एक-दूसरे के लिए जीते थे, जिसमें लोग एक-दूसरे के लिए मरते थे।
अब तो हर कोई अपने लिए जीता है, अपने लिए सोचता है, अपने लिए तरसता है, अपने लिए मरता है।
रिश्तों में अब कोई लगाव नहीं है, रिश्तों में अब कोई विश्वास नहीं है, रिश्तों में अब कोई सम्मान नहीं है, रिश्तों में अब कोई प्यार नहीं है।
किसी से उम्मीद उतनी ही रखो, जितना वो निभाता दिखे, क्योंकि ज्यादा उम्मीद तुम्हें तकलीफ देगी, और सामने वाले को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।