रिश्ते
जाने कौन बनाए रिश्ते, मिटते नहीं मिटाए रिश्ते।।
यौवन आया आए रिश्ते, आए बिन बुलाए रिश्ते।।
फूलों की चाहत मे हमने, कांटों संग बनाए रिश्ते।।
आंसून कोमलता देदी,दर्द ने महकाए रिश्ते।।
जो हमें पराया कहते है, उनके संग बनाए रिश्ते।।
जिसने भी मुझे प्यार किया, उसके संग बनाए रिश्ते।।
नफरत को भी अपनाया हमने ,क्योंकि ये तो है रिश्ते।।
कैसे दूर भागे इनसे, हर जगह मिलेंगे रिश्ते।।
न चाहकर भी बनाए रिश्ते, इतने मजबूत होते रिश्ते।।
तोड़े नहीं ये टूटे रिश्ते, जाने कौन बनाए रिश्ते।।
इन रिश्तों की खातिर हम सब ,दिल के सब अरमान भूल गए।।
इन रिश्तों की खातिर हम सब,तोड़ देते हैं अपनी कमर।।
भूले नहीं इन्हें सारी उमर,ऐसे ये बेनाम रिश्ते।।
जाने कौन बनाए रिश्ते, मिटते नहीं मिटाए रिश्ते।।
कृति भाटिया।।