रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्ते में वक्त है ना संवाद, इसलिए रिश्ते ना पनप पा रहे ना पक पा रहे, बस चल रहे है कच्चेपन और कसेले स्वाद के साथ
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्ते में वक्त है ना संवाद, इसलिए रिश्ते ना पनप पा रहे ना पक पा रहे, बस चल रहे है कच्चेपन और कसेले स्वाद के साथ