रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे, कब टूट जाएँगे भरोसा नहीं !
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे, कब टूट जाएँगे भरोसा नहीं !
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार