– रिश्ते इतने स्वार्थी क्यों हो गए –
– रिश्ते इतने स्वार्थी क्यों हो गए –
अपने आप में मग्न है,
रिश्ते भले ही तंग है,
कोई नही है सोचता रिश्तों के बारे में,
जो रिश्तों की सोचता ,
बचाने का जो ख्वाब देखता,
वो आजकल बर्बाद हुआ जा रहा,
रिश्तों को जीवित करने के लिए ,
जो आजकल मर रहा उसकी कद्र कोई ना कर रहा,
वो पल – पल क्षण -क्षण अपनो के लिए सांसे जो ले रहा,
उसका दम घुटाने पर तुले है,
रिश्ते आजकल इतने स्वार्थी हो गए है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
सम्पर्क-7742016184