रिश्ता
लफ्जों के बोल ठीक रक्खों।
रिश्ता अनमोल रखों।
ठीक है अपना व्यवहार
तो काहे रिश्ता व्यापार
_ डॉ. सीमा कुमारी , बिहार, भागलपुर, दिनांक 26-6-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।
लफ्जों के बोल ठीक रक्खों।
रिश्ता अनमोल रखों।
ठीक है अपना व्यवहार
तो काहे रिश्ता व्यापार
_ डॉ. सीमा कुमारी , बिहार, भागलपुर, दिनांक 26-6-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।