Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2024 · 1 min read

रिमझिम रिमझिम बारिश में …..

रिमझिम रिमझिम बारिश में …..

वो रिमझिम रिमझिम बारिश में
मुझसे मिलने बाम पे आना
भीगे भीगे कपड़ों से
भीगा अपना तन छुपाना
हौले हौले पलकों को
कभी गिराना कभी उठाना
आग लगाती बारिश में
बूँदों का गालों पे आना
फिर भीगे भीगे अधरों का
हौले हौले मुस्काना
मुंह में दुपट्टे का कोना
दबा के थोड़ा शरमाना
फिर घटा सी अपनी ज़ुल्फ़ों को
रुख़ से अपने सरकाना
चुपके से अाना
बहाने से जाना
मारे हया के
सुर्ख हो जाना
वो हाथों से ख़म अपने
भीगे सुलझाना
जाता नहीं ज़हन से अब तक
वो बारिश में भीगा गुजरा ज़माना
ख़ुदा मेरे इस दिल को
कुछ देना न देना
मगर यादों से रिमझिम का
मौसम न लेना

सुशील सरना

73 Views

You may also like these posts

महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
प्रेम को जिसने
प्रेम को जिसने
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ता
रिश्ता
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
gurudeenverma198
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीते जी पानी नहीं
जीते जी पानी नहीं
Sudhir srivastava
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
Ravi Prakash
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
नारी तेरी कहानी
नारी तेरी कहानी
Rekha khichi
জয় হোক শিবের
জয় হোক শিবের
Arghyadeep Chakraborty
"ये वक्त भी"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
बिटिया विदा हो गई
बिटिया विदा हो गई
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
*परियों से  भी प्यारी बेटी*
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो नसीबों का सिकन्दर हो न हो ।
वो नसीबों का सिकन्दर हो न हो ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यक्षिणी-11
यक्षिणी-11
Dr MusafiR BaithA
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
*प्रणय*
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
नेता
नेता
Raju Gajbhiye
#छठा नोट
#छठा नोट
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"सुबह की चाय"
Pushpraj Anant
अपने पराए
अपने पराए
Kanchan verma
सुनो
सुनो
shabina. Naaz
* अध्यापक *
* अध्यापक *
surenderpal vaidya
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
Loading...