रिती है संसार कि
रिती है संसार कि,
जीने नहीं देती चैन से।
कुछ करो तो भला,
ना करो तो बला,।
देख नजारा “राम”रे,
कैसी है,तेरा” काम “रे।
जो रोते वे सुनते,
जो हंसते वो भी सुनते।
खुशी के “गम” काम है,
ना ईश्वर ना भगवान है।
रात तो था हि,
अब दिन भी बाकी रहा।
रातों कि रात में,
यह कैसा नज़ारा ये।
सुन, एक बात राम ये
कृपा,
कर दे कुछ काम रे।।।।।