रिटायरमेंट के बाद
रिटायरमेंट के बाद क्या करे?
जीवन में सुखी रहने का मूलमंत्र हे व्यस्त रहे,मस्त रहे।जब तक आप काम करते रहते हे तब तक आप स्वस्थ रहते हे क्योंकि दिनचर्या नियमित होती हे और मस्तिष्क सजग रहता हे।परंतु दिक्कत तो तब होती हे जब आप रिटायर हो जाते हे ।अब आप दिन भर घर पर होते हे और बिलकुल खाली होते हे ।इस खालीपन से धीरे धीरे आपका दिमाग और शरीर थकने लगता हे और कार्यक्षमता कम होने लगती हे।यही आपके बूढ़े होने का कारण हे।अगर रिटायरमेंट की उम्र साठ वर्ष के बजाय सत्तर वर्ष होती तो शायद आपका बुढ़ापा सत्तर के बाद ही आता।
मानव मस्तिष्क भी अजीब हे इसका जितना उपयोग करते हे उतना ही इसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती जाती हे परन्तु जब हम खाली रहने लगते हे तो ये बूढ़ा हो जाता है।
इसलिए हमेशा अपने रिटायरमेंट के बाद का प्लान तैयार रखे।कुछ ना कुछ कार्य अवश्य करे।चाहे चार घंटे रोज का ही काम क्यों ना हो।अगर आप व्यस्त रहेंगे और आपकी दिनचर्या व्यवस्थित रहेगी तो आप सदा प्रसन्न और युवा रहेंगे।
अपनी दिनचर्या में योग और आयुर्वेद को शामिल करे,अपने खानपान पर भी नियंत्रण रखे क्योंकि अब आपकी पाचन शक्ति पहले जेसी नहीं रही।अपने बच्चों के कामो में अधिक दखल ना दे,सामाजिक कार्यो में सहभागी बने,हर वर्ष भारत के अलग अलग हिस्सों की यात्रा करे।रिटायरमेंट के बाद आप वो सभी कार्य करे जो आप नोकरी की व्यस्तता के कारण नहीं कर पाये।