रिटर्न गिफ्ट
रिटर्न गिफ्ट
(लघुकथा)
आज संस्थान में उनका अंतिम दिन है। उसके बाद सब सहपाठी बिछुड़ जाने हैं।
सभी सहपाठी संस्थान में अंतिम दिन को यादगार बनाने के लिए जाने तरह-तरह की गतिविधियाँ कर रहे हैं।
कोई एंड्रॉयड फोन से सहपाठियों के साथ फोटो ले रहा है। तो कोई उपहारों का आदान-प्रदान कर रहा है।
शिल्पा को भी अपने सहपाठी, मित्र व शुभचिंतक अनुराग से उपहार मिलने की अपेक्षा है।
वह अपने मित्र से पूछ ही बैठी कि सब उपहारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। तुम मुझे क्या दोगे।
अनुराग कब से अपने दिल में गुबार दबाए हुए था। आज उसे निकालने का उपयुक्त समय मिल ही गया।
वह शिल्पा से बोला, “मुझे तुमसे दुनिया का सबसे महंगा गिफ्ट चाहिए। वो गिफ्ट हो तुम, और हाँ रिटर्न गिफ्ट में मैं दूंगा तुम्हें अपने-आप को।”
दोनों ने एक-दूसरे को गिफ्ट में स्वीकार किया और हो गए सदा के लिए एक-दूसरे के।
-विनोद सिल्ला