रा दी सियासत बदल के
******* रख दी सियासत बदल के ********
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सियासतदानों ने रख दी सियासत बदल के
सच्ची राजनीतिक गाथा और रियासत बदल के
जातिवाद और क्षेत्रवाद को हैं बढ़ावा मिल रहा
राष्टीय एकता अखंडता और अमानत बदल के
अमीर अमीरी और गरीब गरीबी में हैं धंस रहा
समानता का अधिकार कर अनीतिगत बदल के
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार भी हैं सीमा लांघ रहे
रोजगारोन्मुखी नीति का रखा धरातल बदल के
औरत आबरू अपमानित और तिरस्कृत हो रही
बालात्कार और उत्पीड़न की फ़ज़ीहत बदल के
विकास के नाम पर विकास कहीं नहीं दिख रहा
सोने की चिड़िया की है दशा फ़ज़ीलत बदल के
पंक में जड़े हैं धंसी हुई ईमानदारों को मौके नहीं
जन प्रतिनिधि बिक रहे समझ ग़नीमत बदल के
सुखविंद्र राजविद्या किस दिशा में नित्य बढ़ रही
सियासी रोटियाँ सेंकते रखे आधारभूत बदल के
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)