राज़ की बात खुल गई
देख लिया गुलाबी सपना
आँखों की बात हो गई
छुप गया , बदरी में चाँद
राज़ की बात खुल गई ।।
आँखों हीं आँखों में साथ का वादा
भरी बरसात में साथ भीगने का वादा
सहरा में बगिया लगाने वादा कर गई
छुप गया बदरी में चाँद, राज़ की बात खुल गई ।।
पूरे करे रब हमारा सपना, उसतक दरखास पहुँच गई
कई मन्नते कर ली तुमने, आंखें चुगली कर गईं
दमक उठा लब नूर सा, जब वो कुछ लफ्ज़ कह गईं ।।
———अर्श