राह
हो भले ही रात गहरी
भोर किरण अब दूर नहीं
रख यकीं रख यकीं
आ के इतनी दूर पंथी
राह तजना अब नहीं
रूक नहीं रूक नहीं
है थका हर एक रोम
पग उठाना दुष्कर अति
थम नहीं थम नहीं
हो भले ही रात गहरी
भोर किरण अब दूर नहीं
रख यकीं रख यकीं
आ के इतनी दूर पंथी
राह तजना अब नहीं
रूक नहीं रूक नहीं
है थका हर एक रोम
पग उठाना दुष्कर अति
थम नहीं थम नहीं