राह हो जाती आसान
राही मिलते हैं अंजाम
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राह हो जाती आसान,राही मिलते हैं अंजान
संकट घड़ी कट जाती,राह हो जाती आसान
अकेले चलते चलते,गैरों से मिलते जुलते
नये -नये रिश्ते बनते,राह हो जाती आसान
घर से चले थे अकेले, राह में लग गए मेले
नहीं थे जग के झमेले,राह हो जाती आसान
सुखी -दुखी हैं मिलते,सुख-दुख सांझ करते
दिल हल्का रहें करते,राह हो जाती आसान
सफर सारा कट जाता,समय पता ना चलता
दरिया पार हो जाता है,राह हो जाती आसान
रंग- बिरंगे रंग दिखते,नई पुरानी बातें सुनते
बेसहारा सहारा बनते,राह हो जाती आसान
सुखविंद्र मंजिल मिलती,तपती रूह भी ठरती
झोली खुशियाँ भरतीय,राह हो जाती आसान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)