Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2016 · 1 min read

“राह सत्य की”

राह सत्य की जाऊ में ? जो हो सो हो..
हर पल हर दम आती हे राह जीवन में दो

एक राह हे सीधी सादी लगती सबको अच्छी
एक राह की ‘कठिन’ डगर, हे मगर वो सच्ची
‘चट मंगनी पट बियाह’ में मत अपने को खो,
राह सत्य की जाऊ में ? जो हो सो हो..

जल्दी से जो मिल जाये आनंद रहे वो थोड़ा
सम्बन्धो को पीछे छोड़ आँख बंद कर दौड़ा
पाप के इस बहते जल में मत अपने को धो,
राह सत्य की जाऊ में ? जो हो सो हो..

हरपल हरदम रहता हे बस ‘डर’ का साया
मन को विचलाती रेहती ये सभी मोह माया
“दुःख” सबका बाटकर चेन की नींद तु सो,
राह सत्य की जाऊ में ? जो हो सो हो..

सब दुखो का एक ही हल नही होता है पैसा
हर हाल में खुश रहकर बनो महात्मा जैसा
अन्याय अत्याचार से लड़ आशीष सबकी लो,
राह सत्य की जाऊ में ? जो हो सो हो..
@अंकुर…..

Language: Hindi
342 Views

You may also like these posts

संवेदना बदल गई
संवेदना बदल गई
Rajesh Kumar Kaurav
डर
डर
Rekha Drolia
जीवन के दो पहलू
जीवन के दो पहलू
C S Santoshi
मैं तो कवि हुँ
मैं तो कवि हुँ
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
" बादल या नैना बरसे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
हर हाल में रहना सीखो मन
हर हाल में रहना सीखो मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है
मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता
कविता
Rambali Mishra
#आज_का_दोहा
#आज_का_दोहा
*प्रणय*
अफसाना
अफसाना
Ashwini sharma
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"जमीं छोड़ आसमां चला गया ll
पूर्वार्थ
बरसो मेघ
बरसो मेघ
जगदीश शर्मा सहज
ग़ज़ल (बिन रोशनाई लिख दी ज्यो चाँद ने रुबाई)
ग़ज़ल (बिन रोशनाई लिख दी ज्यो चाँद ने रुबाई)
डॉक्टर रागिनी
सच में ज़माना बदल गया है
सच में ज़माना बदल गया है
Sonam Puneet Dubey
गहराई जिंदगी की
गहराई जिंदगी की
Sunil Maheshwari
चूहे
चूहे
Vindhya Prakash Mishra
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
बनि गेलहूँ मित्र त तकैत रहू ,
बनि गेलहूँ मित्र त तकैत रहू ,
DrLakshman Jha Parimal
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
Neelam Sharma
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
दिल की बात
दिल की बात
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नर जीवन
नर जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
"ये जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
Phool gufran
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
surenderpal vaidya
Loading...