राह में हम अब तुम्हारी कभी नही आयेगे/मंदीप
राह में हम अब तुम्हारी कभी नही आयेगे,
तुम को इस जहान में अब अकेला छोड़ जायेगे।
ढूढने से भी ना मिलु कभी तुम्हे,
मेरे ख्याल तुम को बहुत सतायेंगे।
याद करोगी मेरी बातो को जब भी,
मेरे हँसाने वाले लतीफे ही तुम को बहुत रुलायेंगे।
गुजरे का जब भी पल हसीन कोई,
उन पलो में हम ही तुम्हें नजर आयेगें।
रहेगी ख्वाइस “मंदीप” की हमेसा,
मर कर भी तेरे दिल में ही समायेगे।
मंदीपसाई