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23 Feb 2021 · 1 min read

राह नीर की छोड़

राह नीर की छोड़

राह नीर की छोड़

बनो तुम धीर जगत में

राह पीर की छोड़

बनो तुम वीर जगत में

दुर्बलता को छोड़

बनो तुम कर्मवीर जगत में

कायरता को छोड़

बनो तुम सज्जन जगत

में

छोड़ बंधन का मोह

बनो तुम सन्यासी

विकारों की राह छोड़

बनो तुम सामाजिक

संस्कारों से करो मोह

बनो तुम संस्कारी

अहंकार का छोड़ मोह

बनो तुम स्वाभिमानी

छोड़ व्यर्थ का मौन

बनो तुम सुवक्ता

राह घृणा की छोड़

वरो तुम मानवता

राह जोश की छोड़

करो तुम काम होश में

छोड़ काँटों का डर

पुष्प बन खिलो जगत में

राह शत्रुता की छोड़

बनाओ मित्र जगत में

पकड़ कर्म की राह

बनो विख्यात जगत में

राह नीर की छोड़

बनो तुम धीर जगत में

राह पीर की छोड़

बनो तुम वीर जगत में

Language: Hindi
2 Likes · 244 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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