राह देखती तुम्हारी मात
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राह देखती तुम्हारी मात
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कैसे जाए छोड़ चिड़िया,
अपना घोंसला अपने बच्चे,
अब दिन रही रहे अच्छे,
दिल नही रहे सच्चे,
मंडराते चहुँओर कौए काले,
नीयत काली कैसे हम संभाले,
उड़ रहे पाने को मौका,
सता रहा डर कब दे दे धोखा,
उठो जागो प्रयत्न करो,
गिरकर पुनः उड़ान भरो,
निशा निराशा को तुम हरो,
मिलकर तुम अब साथ रहो,
न रहो तुम बनकर मूक,
तुम जाओगे फिर चूक,
न छिपाओ कोई बात,
राह देखती तुम्हारी मात,
।।।जेपीएल।।।