Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2022 · 1 min read

राह तक रहे हैं नयना

आंगन मेरा सूना तुम बिन
अश्रु भरे मेरे नयना
बंधन मुक्त हुआ फिर भी
राह तक रहे हैं नयना

घनघोर अंधेरे पथ पर
यादों के झुरमुट साये मे
फिर से लहरा दो आंचल
गूंजे पायल खनके कंगना
राह तक रहे हैं नयना

विभ्रम पैदा करती राहें
दिग्भ्रमित हो देखें सपना
दिखती हो तुम दूर कहीं
कैसे पहुंचे कुछ तो कहना
राह तक रहे हैं नयना

गहन तिमिर से क्या घबराना
उजला दिन तय सूर्य निकलना
आवाज सुनी उठ बैठ गया
जुड़ते सपने – टूटे बंधना
राह तक रहे हैं नयना

नयनसुरा का चषक निहाल
कंपित अधरों पे प्रणय केली
बाहें फैला लो आलिंगन
दूरी मिटे हो संग रहना
राह तक रहे हैं नयना

मन की रीत निभा लो
चम्पा कनेर खिला लो
तोड़ो बन्धन जग उपवन के
विरह अग्नि मे क्या जलना
राह तक रहे हैं नयना

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

प्रकाशित ‘अभ्युदय’

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ashwani Kumar Jaiswal
View all
You may also like:
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
Ravi Prakash
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
Paras Nath Jha
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
*बदरी तन-मन बरस रही है*
*बदरी तन-मन बरस रही है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
मुखरित सभ्यता विस्मृत यादें 🙏
मुखरित सभ्यता विस्मृत यादें 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
यू-टर्न
यू-टर्न
Shreedhar
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संवाद
संवाद
surenderpal vaidya
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
लिट्टी छोला
लिट्टी छोला
आकाश महेशपुरी
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
खाली सड़के सूना
खाली सड़के सूना
Mamta Rani
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
Rj Anand Prajapati
Loading...