राह कोई ऐसी
राह कोई ऐसी
कृष्णा, राह कोई ऐसी दिखलाओ,
भोग, संग्रह की इच्छाओं से, निदान मैं पा जाऊं।
कभी निर्बल और कभी बलवान,
युक्त तेरी माया को छोड़ मोक्ष को मैं पा जाऊं।।
सीमा टेलर ‘तु है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)
राह कोई ऐसी
कृष्णा, राह कोई ऐसी दिखलाओ,
भोग, संग्रह की इच्छाओं से, निदान मैं पा जाऊं।
कभी निर्बल और कभी बलवान,
युक्त तेरी माया को छोड़ मोक्ष को मैं पा जाऊं।।
सीमा टेलर ‘तु है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)