राही साथ चलते हैं 🙏
राही साथ चलते हैं 🙏
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जीवन की संगीन राहों पे
राही साथचलता रहता है
सुख दुख के किनारों पे
सहारा मिलता रहता है
साथी साथ ले चलता है
संवेदना है सच्चा साथी
जीवन भर साथ निभाता
लिए संवेदना चलता चल
राही ! राहें हैं बेजान पड़ी
मैं तेरा तू मेरा कोई नहीं
सूनी नगर सुनी डगर है
दर्द बेदना तनाह जग में
राही थक चूर हो जाता है
दूजे साथ ले चलता राही
कभी नहीं वो थकता है
सर्वत्र प्रेम सम्मान पाता
किशोर किशोरी पल वक्त
बिरह मिलन नीर संतोषी
धर्म कर्म राही का साथी
पग ताल मिला चलता है
निस्तब्ध निशा लम्बी दिशा
मृदुल हीनता काली लाली
वेदी ज्वाला मंडपी साथी
रजनी धधक उठती अग्नि
राही राह नहीं भटकता है
भटका राही उलझ जाता
सुलझा साथी जन भाता है
अतीत यादों से सीख लेना
भविष्य मंथन करना होगा
वर्तमान दृश्य ही वास्तविक
निज पराये उलझन पहेली
सागर की लहरों सी सपना
पूरा होकर बिखर जाता है
रंगमहल शान -ए-सौकत
रजमहल में धूल का फूल है
हे राही ! पहचान सुपथ को
राहों पर साथ ले चलता चल
राही को राहों से जोड़ता चल
साथ सहारा साहस भरता है
सबका साथ सबका विकास
अमन चैन का इक मंत्र बड़ा
जन मानस का उपकार भरा
साथी राही राहों चलना होगा
निज कष्टों का परवाह ना कर
राहों को सुगम बनाता चल
मधुबन खुशबु बसंत रंगीला
सावन सुहानी सहज सलिला
नीरस दिल भर अमृत प्याला
राही साथ मना होली दिवाली
बैर भुलाकर अपनत्व बढ़ाकर
प्रेमी राही प्रेरणा देते चल🧑🦯
दोबारा जीवन मिलना या ना
मिलना पता नहीं है जन को
जो आया सो जाएगा जरूर
यह तो पता है सभी प्राणी को
हे प्राणी! मत होना हैरान देख
आईना आना जाना भंवर जाल
छोड़ यहीं पे! राही साथ चलते हैं ।
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टी . पी . तरुण