राहत … ️
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देह का मर जाना हुआ, नेह का रह जाना हुआ
वो क्या गया यारों आंखों से लहू का छलक जाना हुआ
सब का जाना तय है, उसको तो यूॅं जाना नहीं था
सुना है कि दिल के धड़कनों का वहां रुक जना हुआ है
था जो अदब, प्यार और जोश का वाइज़
उस राहत का हिंदुस्तान के मिट्टी में मिल जाना हुआ है
ज़माने को जो ठोक के जीने की देता था नसीहते
यार वही आज तो गुज़रा हुआ जमाना हुआ है
~ सिद्धार्थ