रास नहीं आता हमें
क्या कहें कहना भी कुछ खास नहीं आता हमें
बस तेरी बात का विश्वास नहीं आता हमें
थोड़ी नफ़रत बचा कर रखना हमारे खातिर
नर्म लहजा तेरा अब रास नहीं आता हमें
क्या कहें कहना भी कुछ खास नहीं आता हमें
बस तेरी बात का विश्वास नहीं आता हमें
थोड़ी नफ़रत बचा कर रखना हमारे खातिर
नर्म लहजा तेरा अब रास नहीं आता हमें