Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2020 · 1 min read

रास्ते

****** रास्ते *******
******************

तुम्हें सब पता है रास्ते
तुम दिखाओ हमें रास्ते

पहेली में फंसे बैठे
सुलझा दो उलझे रास्ते

मोड़ पर हैं हम आ खड़े
तुम जानते , नये रास्ते

दो रास्तें हैं निकल रहे
चले हम कौनसे रास्ते

रहगुजर हैं काँटों भरी
लगाओ तुम,सही रास्ते

पीछे हमें धकेल रहा
कैसे पार करें रास्ते

हौसले भी तो टूटते
कैसे पूरे होंगे ये रास्ते

सुखविंद्र मंजिलें दूर हैं
कौनसे चुने हम रास्ते
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 1 Comment · 512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
ruby kumari
* तू जो चाहता है*
* तू जो चाहता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पार्टी-साटी का यह युग है...
पार्टी-साटी का यह युग है...
Ajit Kumar "Karn"
श्रंगार लिखा ना जाता है।
श्रंगार लिखा ना जाता है।
Abhishek Soni
आखिर क्यों
आखिर क्यों
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्कंदमाता
स्कंदमाता
मधुसूदन गौतम
आज कल...…... एक सच
आज कल...…... एक सच
Neeraj Agarwal
ఆక్సిజన్ అపానవాయువు
ఆక్సిజన్ అపానవాయువు
Otteri Selvakumar
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
*अयोध्या*
*अयोध्या*
Dr. Priya Gupta
दोस्ती
दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
मंदबुद्धि की मित्रता, है जी का जंजाल.
मंदबुद्धि की मित्रता, है जी का जंजाल.
RAMESH SHARMA
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
इजहारे मोहब्बत
इजहारे मोहब्बत
Vibha Jain
तोड़ कर खुद को
तोड़ कर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,
आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,
Jyoti Roshni
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
Ansh
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
*कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती*
*कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती*
ABHA PANDEY
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
सबके राम
सबके राम
Sudhir srivastava
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गुमशुदा
गुमशुदा
Rambali Mishra
Loading...