रास्ते चलिए
चलना है तो मेरे रास्ते चलिए।
मेरे नहीं खुद के वास्ते चलिए।
ये डगर थोड़ी मुश्किल तो है,
परेशानियों को हौसलों से नापते चलिए।
मुश्किलें होती हैं आसान मगर मुश्किल से।
आपको प्यार होना चाहिए अपनी मंज़िल से।
थोड़ा आराम से चलिए मत हाँफते चलिए।
परेशानियों को हौसलों से नापते चलिए।
मुश्किलों के आगे हौसलों का व्यवधान रखिए।
हर एक ठौर पर अपने आपको सावधान रखिए।
अपनी खामियों को भी अक्सर झांकते चलिए।
परेशानियों को हौसलों से नापते चलिए।
अपने आपमें हरदम मस्त रहिए।
मनो मष्तिष्क से चुस्त दुरुस्त रहिए।
अच्छे बुरे को सलीके से भाँपते चलिए।
परेशानियों को हौसलों से नापते चलिए।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी