राष्ट्र बोध
जिस माटी में जन्मे उसके लिए बलिदान करे ।
हो बात वतन की तो वतन पर अभिमान करे ।।
शहीदों ने खुद को खोया कुछ हम भी खोये ।
कर ऐसा संकल्प आज न्योछावर प्रान करे ।।
राणा ने खायी मुँह की पर सिर नहीं झुकाया ।
वही खून जब गरमाया तो दुश्मन को हराया ।।
शान्ति दूत बनकर अब तक सहन करते रहे ।
यदि नहीं माना तो हमने सबक भी सिखाया ।।