रावण नहीं मरेगा शायद
?रावण नहीं मरेगा शायद??
“नाभि में अमृत भरा था,
ज्ञानी भी वह बहुत बड़ा था
अमृत की कुछ महिमा होगी
युक्ति कोई सोची गयी होगी
कई युग अभी हरेगा शायद
रावण नहीं मरेगा शायद
पुतला हर बार जलाया जाता
फिर भी कुनबा बढ़ता जाता
एक शीश में रावण सौ सौ
बुझती जाती आशा की लौ
लड़ लड़ राम थकेगा शायद
रावण नहीं मरेगा शायद
छोड़ो अब यह विधि पुरानी
पात्र नये पर वही कहानी
दहन का मंचन है मनोरंजन
रावण जो बैठा जन के मन
सिर्फ रूप बदलेगा शायद
रावण नहीं मरेगा शायद
होगी बदलनी हमें धारणा
रावण जो हैं हमें मारना
नहीं राम रावण बाहर हैं
हर तन के बसे अन्दर हैं
मन में राम बढ़ेगा शायद
तब रावण घटेगा शायद।
✍हेमा तिवारी भट्ट✍