*रावण (कुंडलिया)*
रावण (कुंडलिया)
आया रावण देह धर, आए तन धर राम
दुष्ट मिटाना सृष्टि से, राम-जन्म का काम
राम-जन्म का काम, असुर रावण मायावी
राक्षस उसकी फौज, सज्जनों पर थी हावी
कहते रवि कविराय, सिया को मूढ़ चुराया
हुआ सत्य से युद्ध, अंत रावण का आया
रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615451