“रावण का वध”
“रावण का वध”
हमने रावण को तो जला दिया,
परन्तु क्या हम ,
अपने ही समाज में ,
पल रहे,
हजारों रावणों का वध कर पाए ?
हमने सीमा पार के,
दुश्मनों से ,
अपने देश को ,
तो बचा लिया ,
परन्तु क्या हम ,
अपनी ही मातृभूमि पर ,
पल रहे ,
रावणों से ,
इस देश की रक्षा कर पाए ?
उस रावण को तो ,
राम ने मार दिया ,
परन्तु अपने देश के ,
नेताओं में छिपे ,
रावणों का ,
वध कर पाना मुश्किल है ?
उस रावण को तो ,
तो हमने जला दिया ,
परन्तु क्या हम ,
अपने अन्दर के ,
रावण को ही मार पाए ?