रावण का प्रश्न
एक दिन रावण को लोग
ले जा रहे थे जलाने।
रावण बोल पड़ा,
लगा जोर-जोर से चिल्लाने ।
रावण बोला हर साल
मुझे यहाँ क्यो ले आते हो,
क्यों सजा-सँवार मुझको
हर साल जलाते हो।
तुम जानते हो की जो,
राम के शरण में जाता है।
वह लोट कर कभी,
धरती पर नही आता है।
मै तो अब धरती पर आ
नही सकता हूँ।
मेरे पुतले को जलाकर,
तुम सब क्यों इतना
खुश हुए जाते हो।
क्यों नही तुम सब
मुझको भूला पा रहे हो,
अपने अन्दर के रावण को
तुम सब क्यों नही मिटा पा रहे हो।
क्या करोगे मेरे पुतले को जलाकर ,
जब तुम सब खुद दिन प्रतिदिन
रावण बनते जा रहे हो।
इसलिए कभी सोच-समझकर
मुझे जलाने लाना ,
और मुझे जलाने से पहले
अपने मन मै राम को बसाना।
अनामिका