रावण अभी जिन्दा है
पद लोलुपता के घमंड में
जो हो हमेशा सत्ता में चूर
जिनके चेहरे पर हर वक्त
चमकता रहता है एक नूर
पर स्त्री गमन से होता है नाता
शास्त्रों का भी होता बड़ा ज्ञाता
सोने की लंका का अधिकार
हर युग में किसी तरह पा जाता
नाम के भय मात्र से ही जिनका
जीवंत हो जाता है चारों प्रहर
देवों के वरदान से ही जो स्वयं
चाहता है इंद्रासन तक का सफर
छुप छुप कर भी कहीं न कहीं
वह किसी भी रूप में पलेगा
हर युग में हर हमेशा हर जगह
रावण का रहना भी खलेगा
हर युग में अमरता का वरदान
सहज रुप में वह पा जाएगा
ध्यान से देखने पर हर युग में
रावण कहीं जिंदा ही मिलेगा