रावण अब भी जिंदा है
रावण
हर साल जलता है
मगर
वो मरता नहीं,
कभी किसी सड़क पर
कभी किसी चौक पर
वो नज़र आता है।
हर बार
जब कोई मासूम चीख़ उठती है,
या कोई नारी
अपने सम्मान के लिए लड़ती है,
तब महसूस होता है
रावण कहीं आसपास ही है।
क्या पुतला जलाने से
मर जाएगी वो बुराई?
या
हमें जलाना होगा
अपने भीतर का रावण भी?
सोचता हूँ
कभी प्रभु राम के नाम से
क्या डरेंगे ये लोग?
या
वो दिन दूर है
जब रावण सचमुच मरेगा।
—श्रीहर्ष —-