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14 Nov 2023 · 1 min read

राम

राम विमुख जीवन यदि है, तो जीवन कैसा।
इसमें कहां प्रश्न है ? वो होगा रावण जैसा।।

जीवन प्रवाह है राम, है सबको आशा देते।
सबरी सुग्रीव विभीषण के जो दुख हर लेते।।

पग पग चलकर राम, मिले वंचित अछूत से।
ऋषि मुनियों से मिले, मिले सुग्रीव दूत से।।

रावण और बाली को मार, किया तिलक निस्काषित को।
जनमन को सुख दिए और मुक्त किए अभिषापित को।।

जै श्री राम

Language: Hindi
2 Likes · 169 Views

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