Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2022 · 1 min read

राम

प्रतीक्षा तुम्हारी जगत कर रहा है
नज़र द्वार पर है दिल बेचैन काफी
बरसों सुबह बीते बीती हैं शाम
क्या सचमुच तुम घर को लौटोगे राम?
मंथरा रो रही है,कैकेयी तड़पती
कौशल्या बिलखती,भरत की ना पूछो
तड़प ही रहे हैं ये रिश्ते तमाम
क्या सचमुच तुम घर को लौटोगे राम?
बहुत ही सताया है लोगों ने तुमको
राह वन का दिखाया है रिश्तों ने तुमको
मिटा ही दिया तुमने असुरों का नाम
क्या सचमुच तुम घर को लौटोगे राम?

Language: Hindi
159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम तो हो जाते हो नाराज
तुम तो हो जाते हो नाराज
gurudeenverma198
Blood relationships sometimes change
Blood relationships sometimes change
pratibha5khatik
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मदर्स डे
मदर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"अंकों की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विरहन
विरहन
umesh mehra
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
हंस
हंस
Dr. Seema Varma
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इंतज़ार मिल जाए
इंतज़ार मिल जाए
Dr fauzia Naseem shad
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
Neelam Sharma
2575.पूर्णिका
2575.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समस्या
समस्या
Paras Nath Jha
रास्ता तुमने दिखाया...
रास्ता तुमने दिखाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर इंसान लगाता दांव
हर इंसान लगाता दांव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
छोड़ दूं क्या.....
छोड़ दूं क्या.....
Ravi Ghayal
सच
सच
Neeraj Agarwal
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
बँटवारे का दर्द
बँटवारे का दर्द
मनोज कर्ण
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
Loading...