राम हैं क्या ?
राम जुनून और राम जरूरी ।
राम हमारी हैं मजबूरी ।।
राम बिना ना काज हमारे ।
राम बिना ना इच्छा पूरी ।।
राम श्वास और आस हमारी ।
राम हमारी जिम्मेदारी ।।
राम जपे हम हरपल देखो ।
राम कहे हम पलपल देखो ।।
राम नाम की महिमा भारी ।
रामसेतु हैं साक्ष्य हमारी ।।
राम राम हम कहते रहते ।
राम राम हम करते रहते ।।
राम जपे हम हंसते रोते ।
राम कहे हम जगते सोते ।।
राम मुझी मे राम हैं तुझमे ।
राम हमारे अंतर्मन में ।।
राम के हम और राम हमारे ।
राम बिना ना श्वास हमारे ।।
राम दर्श को नयन तरसते ।
राम बिना ना चैन हैं मिलते ।।
राम की महिमा बड़ी निराली ।
राम सृष्टि की करे रखवाली ।।
राम बसे हैं हर मन में ।
राम समाये कण-कण में ।।
राम आन और मान हमारे ।
राम शान हैं ये जग जाने ।।
राम अहिल्या राम हैं सबुरी ।
राम नाम से दुनिया चलरी ।।
राम तारते राम मारते ।
राम हमारे कष्ट निवारते ।।
राम मुक्ति और राम हैं बन्धन ।
राम साधना राम है चिन्तन ।।
राम है शक्ति राम हैं भक्ति ।
राम अनुसरण दुनिया करती ।।
मरा मरा से राम हैं बनता ।
डाकू से भगवान हैं बनता ।।
राम भरोसे वशिष्ठ रहे थे ।
रघुकुल के सम्मान रहे थे ।।
राम भरोसे हम हैं रहते ।
राम नाम को जपते रहते ।।
राम है आदर राम भाव हैं ।
राम हमारे स्वभाव हैं ।।
राम आम और खास राम है ।
भारत का विश्वास राम है ।।
राम शान्त और अशान्त रोम है ।
राम मिले तो व्योम व्योम है ।।
राम हृदय की गति हमारे ।
राम ही मन की मति को मारे ।।
राम की महिमा ललित सुनाए ।
राम नाम वो जपता जाए ।।
राम हैं क्या ललकार बताए ।
भारत का स्वाभिमान कहलाए ।।