*राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)*
राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)
1)
दशरथनंदन नहीं सिर्फ यह, नर के नहीं समान हैं
राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं
2)
कभी प्रश्न मत करना कैसे, नर अवतारी होगा
यह लीला है परम ब्रह्म की, इसमें दिव्य विधान हैं
3)
कौशल्या ने जन्म दिया जिस, चार भुजा धारी को
वह रोया शिशु के जैसे फिर, फलित हुए वरदान हैं
4)
चुरा लिया सीता जी को जब, भटके थे रघुनंदन
रचा रहे थे लीला वह जो, सचमुच कृपानिधान हैं
5)
दुष्टों का संहार जगत में, सज्जन का संरक्षण
रामराज्य के लक्ष्य जगत में, अनुपम भव्य महान हैं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451