राम-वन्दना
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
सफल हुई है मेरी, आज राम वंदना।।
जीवन को आर-पार, आप करो बार-बार।
करते रहो जी आप, राम-राम वंदना।।
अपने ही धाम आके, किसने सोचा था कहो।
खुद ही करेंगे राम, राम-राम वंदना।
हाथ जोड़ बेशरम, करता सुबह शाम।
सबको है राम-राम, राम-राम वंदना।।